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पावरग्रिड ने अन्‍तर्राज्‍यीय पारेषण व वितरण प्रणाली में सुधार के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र के छह राज्‍यों के साथ समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये

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पावरग्रिड ने अन्‍तर्राज्‍यीय पारेषण व वितरण प्रणाली में सुधार के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र के छह राज्‍यों के साथ समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये

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केंद्रीय संचार

पावरग्रिड ने दिनांक 7 जून, 2013 को उत्तर पूर्वी क्षेत्र के छह राज्‍यों (असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा) के साथ समझौतों पर हस्‍ताक्षर हैं जिनके तहत उन राज्‍यों की अर्न्‍तराज्‍यीय पारेषण और वितरण प्रणालियों को सुधारने के लिए तकनीकी और प्रबंधकीय सहयोग प्रदान किया जाना है।

इस समझौते पर श्री पी. उमाशंकर, सचिव(विद्युत), भारत सरकार, श्री आर.एन. नायक, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक,पावरग्रिड, विद्युत मंत्रालय व संबंधित राज्‍यों के अधिकारियों तथा विश्‍व बैंक और पावरग्रिड के अधिकारियों की उपस्थिति में हस्‍ताक्षर किए गए। इन परियोजनाओं से ग्रिड कनेक्टिविटी में सुधार होगा और इससे राज्‍यों की ग्राहकों के ज्‍यादा बडे समूह के मध्‍य बिजली की किफायती व भरोसेमंद आपूर्ति करने की क्षमता में वृद्धि होगी।

पावरग्रिड को विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘डिजाइन कम इम्‍प्‍लीमेंटेशन सुपरविजन कंसल्‍टेंट’ नियुक्‍त किया गया है। कुल सकल अनुमानित परियोजना लागत रूपए 8150.07 करोड है। विश्व बैंक कुल परियोजना लागत के 85% को अम्‍ब्रेला लोन कवर के तहत 500 मिलियन डालर के तीन चरणों में ऋण प्रदान करने पर सहमत हो गया है।  राज्‍यों को लागत का 5 प्रतिशत इक्विटी के रूप में लगाना होगा। लागत का बाकी 10 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। विश्व बैंक ऋण की प्रथम किश्त के तहत प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को अगले चार (4) में पूरा किया जाएगा जिसके उपरांत दो और चरण होंगे जिनके बीच एक वर्ष का अंतर होगा।